UP Ganna 2023: गन्ने की फसल से अधिक मुनाफा लेने के लिए किसानों को ये काम करने चाहिए
गन्ना एक नकदी फसल है, इससे बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलता है। गन्ने से चीनी और गुड़ बनाया जाता है। गन्ना चीनी मिलों के लिए एक कच्चा माल है जिसके उपयोग से चीनी का उत्पादन किया जाता है। भारत चीनी उत्पादन में विश्व में दूसरे स्थान पर है। गन्ना क्षेत्र में भारत विश्व में प्रथम स्थान पर है। गन्ना भारत में लाखों लोगों की आजीविका का स्रोत है। इससे बनी चीनी विदेशों में निर्यात की जाती है जिससे देश को विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है। गन्ने के लिए अलग से गन्ना मूल्य नीति बनाई गई है, जिसके तहत गन्ने का मूल्य निर्धारित किया जाता है। केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित गन्ने की कीमत को FRP कहा जाता है। देश में गन्ने का सर्वाधिक उत्पादन उत्तर प्रदेश में होता है।
लाखों किसान और मजदूर गन्ना और चीनी मिलों से जुड़े हैं
देश में लगभग 30 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में गन्ने की खेती की जाती है जिसमें अकेले उत्तर प्रदेश में गन्ने की औसत उपज 81 टन प्रति हेक्टेयर है। इसके अलावा गन्ने की खेती तमिलनाडु, कर्नाटक महाराष्ट्र बिहार आंध्र प्रदेश हरियाणा गुजरात उत्तराखंड पंजाब में भी की जाती है। सरकार गन्ने और चीनी का उत्पादन बढ़ाने के लिए भी प्रयास कर रही है इसके अलावा गन्ने की नई किस्में भी इसका उत्पादन बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभा रही हैं गन्ने की खेती से अधिक उत्पादन कैसे प्राप्त करें गन्ने की फसल के साथ कौन सी फसल बोई जा सकती है ऐसे कई सवालों के जवाब हर किसान जानना चाहता है
इस महीने में गन्ने की खेती में किसान करें ये काम होगा मुनाफा
- गन्ने की फसल में आवश्यकतानुसार सिंचाई करें तथा अधिक पानी देने से बचें। प्रत्येक सिंचाई के बाद गन्ने की निराई-गुड़ाई अवश्य करनी चाहिए।
- सभी गन्ना छेदक कीटों की निगरानी के लिए लाइट-फेरोमोन (4 traps/hectare) लगाएं।
- पायरिला रोग के नियंत्रण के लिए यदि निचली पत्तियों के अग्र भाग पर सफेद अंडे के गुच्छे दिखाई दें तो प्रभावित पत्तियों को काटकर नष्ट कर दें।
- यदि फसल में काले धब्बे का प्रकोप हो तथा फसल की पत्तियाँ हल्की पीली पड़ने लगी हों तो ऐसी स्थिति में 3 प्रतिशत यूरिया एवं क्लोरपाइरीफॉस 20 ईसी (6.25 लीटर प्रति हेक्टेयर) 1500 से 1600 में घोल बना लें। पौधों की नाल में लीटर पानी। प्रवेश करना।
- रोगग्रस्त पौधों को खेत से निकालकर कहीं दूर ले जाकर नष्ट कर दें।
- धान के गन्ने में कल्ले अधिक निकलने की स्थिति में गन्ने की कतारों में मिट्टी चढ़ा दें
गेहूं की कटाई के बाद वसंत ऋतु में गन्ने की बुआई करें
कई स्थानों पर किसान गेहूं की कटाई के बाद बसंतकालीन गन्ना बोते हैं आमतौर पर बसंतकालीन गन्ना पूर्वी क्षेत्र में मध्य जनवरी से फरवरी तक मध्य क्षेत्र में फरवरी से मार्च तक और पश्चिमी क्षेत्र में मध्य फरवरी से अप्रैल तक बोया जाता है। ऐसे में इस बार कई किसानों ने बसंतकालीन गन्ने की बुआई की है यदि किसान बसंतकालीन गन्ने से अधिक आय प्राप्त करना चाहते हैं तो वे गन्ने की फसलों के बीच खाली जगह में अन्य फसलें उगाकर अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। बसंतकालीन गन्ने की फसल के साथ-साथ अंतरा या अंतरा फसल लेकर आप अतिरिक्त आय अर्जित कर सकते हैं। गन्ने के साथ-साथ आप उड़द, मूंग, भिंडी और लोबिया की खेती कर अतिरिक्त आय प्राप्त कर सकते हैं
गन्ना लगाने का सही समय क्या होता है
गन्ने की बुआई के लिए | जल्दी पकने वाली गन्ने की किस्मों का उपयोग करें |
अंतिम जुताई से पहले | गोबर की खाद बनाकर खेत में डाल दें |
वर्ष | 2023-24 |
लाभार्थी | राज्य के खेतिहर गन्ना उत्पादक किसान |
किसानों को अपने खेतों में | जैविक खाद का प्रयोग करना चाहिए |
उद्देश्य | प्रक्रिया में पारदर्शिता |
लाभ | सभी किसानों का समय की बचत |
भारत में गन्ने की खेती | कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है |
अल्कोहल और डिटर्जेंट के इस्तेमाल से | गन्ने की फसल अच्छी होती है |
यदि आपने गन्ने के साथ सहफसली खेती की है तो अलग-अलग अनुशंसाओं के अनुसार समय पर उर्वरकों की आपूर्ति करें।
- अंत में फसल की कटाई के बाद गन्ने की सिंचाई कर नाइट्रोजन टॉपड्रेसिंग करके निराई-गुड़ाई करें।
- खाली स्थानों में पूर्व-अंकुरित गन्ने के पैड से गैप फिलिंग करें।
- यदि खेत में पानी जमा हो तो अविलंब उसके निकास की उचित व्यवस्था करें।
- नमी बनाए रखने और खरपतवार नियंत्रण के लिए स्थापना पूर्ण होने के बाद पंक्तियों के बीच रोग या कीट रहित गन्ने की पत्तियों की 10 सेमी मोटी परत बिछाएं।
- सीमित सिंचाई संसाधनों की स्थिति में वैकल्पिक नालों से सिंचाई करना लाभदायक रहता है।
- क्षारीय मिट्टी में गामा बीएचसी का प्रयोग न करें।
- कीट पर नियंत्रण के लिए अप्रैल या मई माह में कीट से प्रभावित पौधों को खेत से हटाते रहें।
- वहीं जून के अंतिम सप्ताह से जुलाई के प्रथम सप्ताह तक यदि खेत में पर्याप्त नमी हो तो कार्बोफ्यूरान 3G 30 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर की दर से गन्ने की लाइनों में डालें.
- बाढ़ वाले क्षेत्रों में 5 से 10 प्रतिशत यूरिया का पर्णीय छिड़काव करना अच्छा रहता है।
- वर्षा ऋतु में यदि 20 दिनों तक वर्षा न हो तो सिंचाई अवश्य करनी चाहिए।
अपनाएं ये आसान तरीके गन्ने की अधिक उपज पाने के लिए
- गन्ने की बुआई के लिए अनुमोदित किस्मों यानि जल्दी पकने वाली गन्ने की किस्मों का उपयोग करें।
- गन्ने के बेहतर उत्पादन के लिए किसानों को 8 माह की उम्र के गन्ने के बीज का ही प्रयोग करना चाहिए।
- गन्ना बोते समय लाइन से लाइन की दूरी 120 से 150 सेमी रखनी चाहिए।
- गन्ने की फसल पर कीटों एवं रोगों का प्रकोप कम करने के लिए बीजों को उपचारित करके ही बोना चाहिए।
- धान प्रबंधन के लिए गन्ने की कटाई जमीन की सतह से करें।
- गन्ने की फसल को फफूंदनाशी और कीटनाशकों से उपचारित करें और अंतराल भरने वाले संतुलित उर्वरक का उपयोग करें।
- सहफसली विधि अपनायें तथा खरपतवार, कीट एवं रोगों पर नियंत्रण रखें।
किसान गन्ने की खेती के लिए मोटाई लंबाई अच्छी फसल के लिए क्या करें
भारत में गन्ने की खेती कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। तो आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि हम गन्ने की फसल से अधिक उत्पादन कैसे कर सकते हैं गन्ने को अधिक फूटा हुआ मोटा और लम्बा बनाने के लिए क्या करना चाहिए इसकी पूरी जानकारी हम इस आर्टिकल में देंगे गन्ना भारत की महत्वपूर्ण व्यावसायिक फसलों में से एक है। भारत दुनिया में चीनी का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है और इस चीनी का मुख्य स्रोत गन्ना है। ऐसे में भारत में गन्ने की खेती कृषि क्षेत्र में अहम भूमिका निभाती है। तो आइये इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि हम गन्ने की फसल का अधिक उत्पादन कैसे कर सकते हैं।
किसानों को अपने खेतों में ही बीज तैयार करना चाहिए
किसान अपने खेतों में गन्ने का बीज अलग से तैयार करें। इस दौरान यह ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि इसमें कोई कीट या रोग न लगें यदि तैयार बीजों को 8 से 10 माह बाद बोया जाए तो उनकी उपज 10-15 प्रतिशत अधिक होगी। इस दौरान बीजों को कीटाणुरहित करने के लिए बाविस्टिन का घोल बनाकर उसमें डुबाकर बुआई करें
गन्ने को मोटा और लम्बा करने के लिए क्या डालें
किसानों के मुताबिक गन्ने की खेती के लिए कोराजन एक बेहतरीन कीटनाशक है। इसके प्रयोग से न केवल गन्ने की फसल अच्छी होती है, बल्कि गन्ना लम्बा और मोटा भी होता है। इसलिए आजकल किसान गन्ने की फसल के लिए कोराजोन का बड़े पैमाने पर उपयोग कर रहे हैं। गन्ने का उत्पादन बढ़ाने के लिए गन्ने के साथ-साथ ऐसी फसल का चयन करें जो गन्ने की फसल से प्रतिस्पर्धा न करती हो। प्याज आलू, राजमा धनिया मूंग उड़द आदि सब्जियां लगाएं।
कई किसानों का मानना है कि अल्कोहल और डिटर्जेंट के इस्तेमाल से गन्ने की फसल अच्छी होती है क्योंकि इसके इस्तेमाल से फसल में कीट लगने से बचाव होकर पैदावार बढ़ती है, जिससे गन्ना मोटा और लंबा होता है। कुछ किसान महंगे कीटनाशकों की जगह यूरिया में ऑक्सीटोसिन भी मिला रहे हैं कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक इन तथ्यों का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है फिर भी किसान इस नई तकनीक का धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं।
किसानों को अपने खेतों में जैविक खाद का प्रयोग करना चाहिए। इसके साथ ही अंतिम जुताई से पहले गोबर की खाद बनाकर खेत में डाल दें बुआई करते समय दो बीजों के बीच दूरी बनाये रखें। गन्ने के बीज अधिक मात्रा में बोयें क्योंकि इससे गन्ना धीरे-धीरे बढ़ता है और उसका वजन भी अधिक रहता है। गन्ने के लिए दोमट मिट्टी का खेत सबसे अच्छा विकल्प है, लेकिन भारी दोमट मिट्टी गन्ने की फसल के लिए अच्छी नहीं मानी जाती है
Ravi Kumar has a BCA & Master’s degree in Mass Media and over 6 years of experience writing about government schemes, Yojana, recruitment, and the latest educational trends.